लेखनी कहानी -06-Apr-2022 पैरोडी संसार
पैरोडी : बच्चे मन के सच्चे
बच्चे लगते हैं अच्छे बड़े भोले और बड़े प्यारे
इनको देख के दूर हों जायें दुनिया के गम सारे
बच्चे लगते हैं अच्छे
किलकारी जब गूंजती है मंदिर की घंटी सी लगती है
एक मुस्कान से जीतें दिल इनसे बचना है मुश्किल
कोमल मन और कोमल तन स्वर्ग सा लगता है आंगन
इनको गोदी में लेने को हर तन मन यही पुकारे
बच्चे लगते हैं अच्छे
मासूम अदा और भोलापन जैसे हों प्रभु के दर्शन
ऊंच नीच और जाति धरम इनके लिए नहीं है बंधन
दौलत से सरोकार नहीं इनके लिये दीवार नहीं
इनकी महक से गुलशन हैं मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे
बच्चे लगते हैं अच्छे
हरिशंकर गोयल "हरि"
21.4 2022
Muskan khan
24-Apr-2022 04:43 PM
🤗🤗
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
25-Apr-2022 10:50 AM
💐💐🙏🙏
Reply
Seyad faizul murad
23-Apr-2022 03:48 PM
Good
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
23-Apr-2022 05:13 PM
💐💐🙏🙏
Reply
Anam ansari
21-Apr-2022 09:53 PM
Nice👍
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
23-Apr-2022 05:13 PM
💐💐🙏🙏
Reply